Rajasthan: मंत्री की कार्यकर्ताओं से अटपटी अपील, बोले- 'खून की घूंट पीना पड़े तो पी लेना लेकिन वोट कमल को ही देना'

मनोज तिवारी

10 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 10 2024 9:46 AM)

Tonk News: लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की ओर से 15 संसदीय क्षैत्रों के लिये घोषित प्रत्याशियों के बाद कुछ संसदीय क्षेत्रों में नज़र आ रहे असंतोष व इस बार टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षैत्र के दो बार के सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया की जगह किसी स्थानीय व्यक्ति को प्रत्याशी बनाये जाने को लेकर उठी मांग के बीच प्रदेश के पीएचईडी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी का अटपटा बयान सामने आया है.

Rajasthan: मंत्री की कार्यकर्ताओं से अटपटी अपील, बोले- 'खून की घूंट पीना पड़े तो पी लेना लेकिन वोट कमल को ही देना'

Kanhaiya Lal Choudhary

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Tonk News: लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की ओर से 15 संसदीय क्षैत्रों के लिये घोषित प्रत्याशियों के बाद कुछ संसदीय क्षेत्रों में नज़र आ रहे असंतोष व इस बार टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षैत्र के दो बार के सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया की जगह किसी स्थानीय व्यक्ति को प्रत्याशी बनाये जाने को लेकर उठी मांग के बीच प्रदेश के पीएचईडी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी का अटपटा बयान सामने आया है. मंत्री चौधरी ने शनिवार को मालपुरा में जल जीवन मिशन के तहत सूरजपुरा फिल्टर प्लांट से सांभर तक की मुख्य ट्रांसमिशन लाईन के प्रथम फेज़ के शिलान्यास समारोह में मंच से अटपटा बयान देने हुए कहा कि अगर कार्यकर्ताओं को वोट देते समय ख़ून के आंसू पीने पड़े तो वे पी जायें लेकिन भाजपा प्रत्याशी को जिताने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ें. चौधरी ने कहा कि अगर भाजपा कार्यकर्ता चाहते हैं कि भारत विश्व के तीन अग्रणी राष्ट्रों में शामिल हों तो वे आंखे मूंदकर कमल निशान व पीएम मोदी के चेहरे पर वोट डालें.

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आखिर खून का घूंट पीने के हैं क्या मायने?

मंत्री कन्हैया लाल चौधरी का कार्यकर्ताओं को ख़ून का घूंट पीये जाने वाला यह बयान उस समय सामने आया है जब भाजपा की ओर से जारी 15 प्रत्याशियों की सूची में कुछ नामों को लेकर अच्छा ख़ासा बवाल मचा हुआ है. हांलांकि मंत्री चौधरी के इस बयान के राजनैतिक मायने क्या हैं इसे लेकर चर्चाओं का बाज़ार गर्म हो गया है.

विधानसभा चुनाव के बाद से कन्हैया लाल चौधरी हैं सांसद जौनापुरिया से ख़फा

विधानसभा चुनाव के बाद से ही कन्हैया लाल चौधरी व सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया के राजनैतिक रिश्तों में खटास साफ नज़र आने लगी थी. मंत्री बने चौधरी इस बात से ख़ासे ख़फा थे कि मालपुरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के बाग़ी गोपाल गुर्जर को बिठाने में सांसद जौनापुरिया ने अपने गुर्जर नेता होने के प्रभाव का उपयोग नहीं किया. मंत्री चौधरी का मानना है कि अगर गोपाल गुर्जर मैदान से हट गये होते तो ना सिर्फ गुर्जर वोट उनके खाते में आ गये होते बल्कि जीत का अंतर भी बहुत बड़ा हो सकता था.

टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे जौनापुरिया व पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता जिन्हें की हाल ही में भाजपा का जिलाध्यक्ष बनाया गया है ज़बरदस्त 36 का आंकड़ा रहा है. मेहता ने हाल ही में अपने गुट के भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक बुला सांसद जौनापुरिया की जगह किसी स्थानीय व्यक्ति को टिकट दिये जाने की मांग उठायी थी. ऐसे में इस बयान को उस मामले से भी जोड़ कर देखा जा रहा है अगर उनकी जगह भाजपा किसी नये चेहरे को मैदान में उतारती है तो भाजपा कार्यकर्ता आंखे मूंदकर उसके साथ जुट जायें.

मंत्री चौधरी सांसद जौनापुरिया को लेकर साधे हैं चुप्पी

वर्तमान सांसद जौनापुरिया की जगह किसी ओर को भाजपा द्वारा मैदान में उतारे जाने की चर्चाओं के बाद मंत्री चौधरी से जब भी इस बारे में बात की गयी तो या तो वे सवाल टालते नज़र आये या सिर्फ इतना भर बोले कि कौन चुनाव लड़ता है इससे कोई सरोकार नहीं है. हमारा सरोकार सिर्फ भाजपा के कमल निशान व पीएम मोदी से है जिनके चेहरे पर भाजपा चुनाव लड़ने जा रही है.

मंत्री चौधरी बोले मुझे बना दिया डिजायर मंत्री

अपनी साफगोई के लिये पहचाने जाने वाले मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा कि इस कार्यक्रम में मौजूद 60 प्रतिशत लोग तो अपने किसी ना किसी व्यक्ति की ट्रांसफर की डिज़ायर के लिये आये है.चौधरी ने कहा कि अकेले पुलिस महकमे के लगभग 300 लोग अपने अपने इच्छित स्थान पर ट्रांसफर की डिजायर करा चुके है. अगर इन डिजायरों के अनुसार स्थानांतरण हो जाये तो हमारे कई थाने तो पूरी तरह खाली हो जायेगें. हांलांकि उन्होंने आश्वस्त किया कि वे सभी को संतुष्ट करने की कोशिश करेगें लेकिन इसमें कुछ माह का समय लग सकता है.

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