शहीदों की वीरांगनाओं से मिले सचिन पायलट, पुलिस पर बरसे, गहलोत सरकार के लिए कही ये बात

विशाल शर्मा

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Pulwama martyrs:  पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं को सड़क पर घसीटने का वीडियो सामने आने के बाद सोमवार को वे प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से मिलीं. वीरांगनाएं अचानक धरना स्थल से गायब हो गईं. इधर वीरांगनाओं का धरने में साथ दे रहे बीजेपी सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि उनका अचानक गायब हो जाना एक रणनीतिक हिस्सा है. उनके गायब हो जाने से पुलिस के हाथ-पांव फूल गए. इधर वे सचिन पायलट के आवास पर पहुंच गईं.

सचिन पायलट ने वीरांगनाओं से मुलाकात की और उनके साथ ही राजस्थान पुलिस के व्यवहार की निंदा की. राजस्थान पुलिस कर्मियों ने कथित तौर पर पुलवामा के शहीदों की वीरांगनाओं को घसीटा था, जो अपनी मांगों के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलना चाहती थीं.पायलट ने कहा है कि पुलवामा के शहीदों की वीरांगनाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को सजा मिलनी चाहिए.

हमें भी गोली मार दीजिए- वीरांगनाएं
पुलवामा अटैक में अपने पति को खो चुकीं ये वीरांगनाएं सचिन पायलट के सामने फफककर रो पड़ीं. उन्होंने कहा कि हमारे साथ पुलिस ने बहुत बुरा बर्ताव किया हैं. वीरांगनाओं ने कहा कि हमारे पति देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए. हमारे साथ ऐसी बदसलूकी मत कीजिए, अब हमें भी गोली मार दीजिए.

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हमें प्रियंका गांधी से मिलवाइए
सुबह वीरांगनाओं के अचानक गायब हो जाने के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि वे दिल्ली जाकर प्रियंका गांधी से मिलेंगी. हालांकि उन्होंने सचिन पायलट से ये मांग रखी. शहीद जीतरात गुर्जर की पत्नी सुंदरी देवी, शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला मीणा और शहीद रोहताश लांबा की पत्नी मंजू ने पायलट से सोनिया और प्रियंका से मिलवाने की गुहार लगाई.

वीरांगनाओं के साथ जमीन पर बैठ गए पायलट
पायलट के बंगले पर अचानक पहुंची वीरांगनाओं को सुरक्षाकर्मियों ने रोकने का प्रयास किया तो वे उनसे ही उलझ गईं. वीरांगनाएं पायलट के बंगले पर जाकर बैठ गईं. कुछ ही देर में सचिन पायलट वीरांगनाओं से मिले और उनके साथ ही जमीन पर बैठ गए. इस दौरान वीरांगनाओ ने राजस्थान सरकार द्वारा उनसे किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया. साथ ही पुलिस द्वारा उनके साथ मारपीट कर दुर्व्यवहार करने का दर्द भी बयां किया.

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पायलट ने कहा- सारी सीमाएं लांघकर इनकी मांग पूरी करनी होगी
जिस पर सचिन पायलट ने कहा कि शहीदों का अपमान ठीक नहीं है. किसी भी हालत में वीरांगनाओं का अपमान नहीं किया जाना चाहिए. जिन लोगों ने देश के लिए शहादत दी है, उनके परिजनों को सारी सीमांए लांघकर उनकी मांगों को पूरा करना पड़ेगा. इनसे किए जो वादे पूरे नहीं हुए, उन्हें हर हाल में पूरा किया जाना चाहिए. सरकार चाहे केंद्र की हो या राज्य की, मांगें पूरी करें.

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पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर काम करना चाहिए- पायलट
मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि जिस प्रकार इनके साथ पुलिस ने व्यवहार किया, वह निंदनीय है, वह नहीं करना चाहिए. खासकर उन महिलाओं के साथ जिनके घर वालों ने इस देश के लिए शहादत दी है. बाकी लोगों के लिए अगर हम प्रावधान बदलकर रास्ता निकाल सकते हैं तो इनके लिए भी निकल सकता है. इस मामले में पार्टी पॉलिटिक्स से उपर उठकर काम करना चाहिए.

सरकार ये बोल दे कि प्रावधान नहीं है तो ये ठीक नहीं- पायलट
सचिन पायलट ने कहा कि अगर कोई पीड़ित दुखी है और सरकार यह बोल दे कि प्रावधान नहीं है तो यह ठीक नहीं है. जब दूसरों के लिए प्रावधान बदले जा सकते हैं तो इनके लिए भी प्रावधान बदलकर रास्ता निकाला जा सकता है. काम करने की इच्छाशक्ति हो तो सब हो सकता है. मैंने इस मामले में पुलिस का बयान भी देखा जिसमें वह कह रहे हैं कि उन्होंने कोई गलत बर्ताव नहीं किया है. लेकिन वीरांगनाओं ने अपनी चोटें दिखाई हैं और पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया है, ये ठीक नहीं हैं. इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए. इनकी मांगों को लेकर कोई कानूनी अड़चन आ रही है तो उसे ठीक किया जा सकता है, लेकिन दुर्व्यवहार ठीक नहीं है.

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