जोधपुर: ज्यादा पैसे के लालच में हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर ने गंवाए 16 करोड़ 26 लाख रुपए, जानें पूरा मामला

Ashok Sharma

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Jodhpur Crime news: राजस्थान के जोधपुर में एक हैंडीक्रॉफ्ट एक्सपोर्टर ने वायदा कारोबार की ट्रेडिंग में ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में अपनी मेहनत के 16 करोड़ 26 लाख रुपए गंवा दिए हैं. इसको लेकर एक्सपोर्टर ने महामंदिर थाने में मामला दर्ज कराया है. पावटा निवासी एक्सपोर्टर अरविंद कालानी के साथ यह आनलाइन ठगी हुई है. ठगों ने उन्हें वेबसाइट के वॉलेट में बड़ा लाभ दिखाकर उसके एवज में कमीशन के रूप में यह राशि ठगी है.

यह भारी-भरकम राशि खुद एक्सपोर्टर ने अपने खातों से उनके खातों में ट्रांसफर की है. जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट की साइबर सेल के एसीपी मांगीलाल राठौड़ मामले की जांच कर रहे हैं. राठौड़ के अनुसार प्रारंभिक पड़ताल में यह सामने आया है कि ठग देश में कई लोगों से ठगी कर चुके हैं.

जानकारी के अनुसार एक्सपोर्टर अ​रविंद कालानी को अक्टूबर में एक महिला इस्ला ने मैसेज कर कमोडिटी कारोबार के बारे में बताया. बाद में वाट्सएप के जरिए उसकी बात हुई. उसने बताया कि हमारी वेबसाइट मेटा आप्शन डॉट ग्लोबल है. हम वायदा करोबार में काम करते हैं. इसके लिए ट्रेडिंग के लिए फॉरकॉस्ट देते हैं. उसने चार फारकॉस्टर से भी कालानी की बात करवाई जिन्होंने अपने पूर्वानुमान के लिए 40 फीसदी कमीशन मांगा. शर्त थी कि कमीशन भी उसी दिन जमा करवाना था. इसमें शर्त थी कि एक्सपोर्टर का लाभ उसके वॉलेट में ही रहेगा जो निश्चित समय व लिमिट से मिलेगा.

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इसके बाद कालानी ने मेटा आप्शन की सिल्वर क्लब की मेंबरशिप ले ली. इसके फस्वरूप उन्होंने चांदी की ट्रेडिंग की तो उससे जितना लाभ हुआ उसके खाते में जमा हुआ. उसके अनुरूप 40 फीसदी कमीशन की राशि फॉरकास्टर के मुंबई स्थित खाते में एक लाख रुपए जमा करवा दी.

ठगों ने अपनी वेबसाइट के माध्यम से कभी चांदी, कभी सोना और कभी क्रूड आयल की ट्रेडिंग करवाते थे. एक्सपोर्टर एक दिन में तीन चार डील में खरीदने व बेचने का काम करते थे. बाजार बंद होने के बाद उनके वॉलेट में हर दिन अमेरिकी डालर में मुनाफा दिखता था. जितना मुनाफा दिखता था उसका तीस से चालीस फीसदी कमीशन उन्हें फारकॉस्टर को देना होता था.

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कब चांदी खरीदनी है? कब सोना यह सब जानकारी वाट्सएप पर ही मिलती थी, लेकिन कमीशन ठगों के खातों में कालानी ऑनलाइन जमा कर उनको जानकारी शेयर करते रहे. इस दौरान एक्सपोर्टर ने एक दिन में पचास लाख रुपए तक उनके खाते में डाले थे. एक नवंबर से यह सिलसिला शुरू हुआ था. जिसमें पहले कुछ दिनों में एक्सपोर्टर के वॉलेट में जमा राशि के एक भाग के रूप में मुनाफा के 22 लाख रुपए कालानी के खाते में आए तो वे विश्वास में आ गए.

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हर दिन ट्रेडिंग कर लाभ दिखने पर उसका कमीशन खातों में जमा करवाते रहे. ऐसे करते-करते 21 नवंबर तक उसके वॉलेट में 49 करोड़ रुपए भारतीय राशि का लाभ जमा हो गया. उन्होंने यह राशि जारी करने की मांग की तो ठगों ने कहा कि यह राशि अभी नहीं मिलेगी. इसके लिए मेबरशिप बढ़ानी होगी. इसके लिए पांच करोड़ मांगे. जिसका इंतजाम करने लिए एक्सपोर्टर ने हाथ-पांव मारे तो परिजनों को पता चला.

इसके बाद कालानी ने ठगों से वाट्सएप पर कहा कि वह मेंबरशिप नहीं बढ़ा सकता. उसका लाभ उसे दिया जाए, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और चैट से रिमूव कर दिया. जिसके बाद फॉरकास्टर के नंबरों पर ट्राय किया, लेकिन बात नहीं हुई तो अहसास हुआ कि ठगी हो गई है.

लाभ के एवज में कुछ दिनों तक कमीशन भी दिया गया जिसके बाद व्यापारी का भरोसा बढ़ गया तो निवेश और किया गया. इस दौरान ठगों ने एग्रीमेंट भेजकर एक्सपोर्टर से डिजिटल हस्ताक्षर भी करवा लिए. उसके बाद भी व्यापारी लगातार ट्रेडिंग करता रहा, लेकिन जब उसने मेंबरशिप अपग्रेड करने से मना किया तो उसके बाद उससे संपर्क तोड़ दिए.

पुलिस को पता चला है कि एक्सपोर्टर जिन खातों मे रुपए जमा करवाता था उन पर बैंक का होल्ड लगा हुआ है. मुंबई स्थिति बैंक के खातों में होल्ड की राशि 810 करोड़ है. इससे अंदेशा है कि ठग देश में कई लोगों को ठग चुके हैं. यह सामने आया है कि मेटा आप्शन ग्लोबल के नाम से ठगी करने वाले भारत से ही काम कर रहे हैं, लेकिन आरोपी बातचीत के लिए विदेशी नंबर का इस्तेमाल कर लोगों को धोखा दे रहे हैं. जोधपुर पुलिस की साईबर टीमें वेबसाइट के लिंक व्हाट्सएप नंबर सहित अन्य तकनीकी साक्ष्यों से पड़ताल कर रही है.

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