Rajasthan: लोकसभा चुनाव में BJP के 'मिशन 25' पर पानी फेरेगा जाट समाज, चलाया 'ऑपेरशन गंगाजल'!

राजस्थान तक

27 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 27 2024 3:18 PM)

Rajasthan: राजस्थान की दो लोकसभा सीट भरतपुर और करौली-धौलपुर में भाजपा के लिए काफी मुसीबत हो सकती है. क्योंकि आरक्षण नहीं मिलने से जाट समाज नाराज है, जिसके तहत नाराज जाट समाज ने भाजपा के खिलाफ अभियान शुरू  कर दिया है. जि

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Rajasthan: राजस्थान की दो लोकसभा सीट भरतपुर और करौली-धौलपुर में भाजपा के लिए काफी मुसीबत हो सकती है. क्योंकि आरक्षण नहीं मिलने से जाट समाज नाराज है, जिसके तहत नाराज जाट समाज ने भाजपा के खिलाफ अभियान शुरू  कर दिया है. जिसमें जाट समाज के लोग गांव-गांव जाकर और हर घर के दरवाजे पर पहुंचकर भाजपा को हराने के लिए गंगाजल की कसम खिला रहे हैं और आरक्षण पर जाट समाज को धोखा का आरोप लिखे हुए पोस्टर भी गांव-गांव वितरित किये जा रहे हैं. 

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हर पंचायत स्तर पर बड़ी पंचायत की जा रही है, जिसमें जाट समाज के लोग भाजपा को हराने के लिए गंगाजल हाथों में लेकर कसम खा रहे है. इसके अलावा रथ अभियान भी शुरू होने जा रहा है, जिसमें गांव-गांव रैली निकालकर पंचायत की जा रही है और दूसरी तरफ गांव-गांव रथ भी घूम रहा है. जो भाजपा के खिलाफ प्रचार कर रहा है. आपको बता दें की भाजपा सरकार पर आरक्षण के नाम पर धोखा देने के आरोप लगाने के बाद राजस्थान के भरतपुर में जाट समाज ने भाजपा को हराने अभियान शुरू किया है, जिसका नाम ''ऑपेरशन गंगाजल'' दिया गया है. 

''ऑपेरशन गंगाजल'' ऑपरेशन 

जाट आरक्षण संघर्ष समिति जाटों के सभी गांव में और हर घर तक जा रही है, सभी लोगों को गंगाजल हाथ में लेकर कसम खिलाई जा रही है कि भाजपा सरकार ने भरतपुर-धौलपुर जिलों के जाटों को केंद्र आरक्षण नहीं दिया और धोखा मिला है. इसलिए भाजपा को हराने के लिए वोट करें. इसके लिए करीब 50,000 बड़े पोस्टर भी प्रिंट कराए गए हैं, जिसमें लिखा है कि आरक्षण के नाम पर जाटों को भाजपा से मिला है धोखा और इस बार वोट की चोट से भाजपा को हराना है. ना केवल भरतपुर लोकसभा सीट बल्कि करौली-धौलपुर लोकसभा सीट के अलावा अलवर सीट पर भी भाजपा के खिलाफ अभियान चलेगा, जिससे तीन लोकसभा सीटों पर भाजपा को हराया जा सके. 

आपको ये भी बता दें कि भरतपुर धौलपुर जिलों के जाटों को केंद्र की ओबीसी में आरक्षण की मांग के लिए 40 दिनों तक आंदोलन चला था मगर मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की कमेटी द्वारा आश्वासन के बाद आंदोलन को स्थगित किया गया था और आचार संहिता लग गई लेकिन आरक्षण का नोटिफिकेशन नहीं हुआ है, इसलिए जाट समाज ने जो कसम खाई है कि आरक्षण नहीं मिला तो भाजपा को चुनाव हार आएंगे उस पर अभियान शुरू करने जा रहे हैं.

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