राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है. दुनियाभर में मशहूर गुलाबीनगरी में विदेशों से भी काफी पर्यटक आते हैं. लेकिन इन विदेशी पर्यटकों को ठगने के लिए जयपुर में कई शातिर बदमाश वारदातों को अंजाम दे रहे थे. अब इस गैंग (Gang) का पर्दाफाश हो चुका है. इस गैंग में फर्जी पुलिस वाले भी हैं और इंग्लिश बोलने वाला ऑटो चालक भी. जापानी भाषा में उस्ताद कई सदस्य भी इस गैंग के सदस्य हैं. जाहिर तौर पर विदेशी टूरिस्ट (Tourist) को ठगने के लिए प्रशिक्षित लोगों की एक गैंग काम कर रही थी. जिसने जयपुर आने वाले कई लोगों को ठगने का काम किया.
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जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि शहर में विदेशी पर्यटकों के साथ धोखाधडी की सूचना प्राप्त हुई थी. शिकायत मिलने पर असगर खान, शरीफ बैग और कयूम को गिरफ्तार किया हैं. इस गिरोह ने 2 दिसंबर 2022 को जापान के सासो ताकेशी के साथ लाखों की धोखाधड़ी की थी, जिसकी शिकायत 28 मार्च 2024 को ईमेल के जरिए पर्यटन थाना पुलिस को मिली.
पीड़ित ने बताया कि 2 साल पहले वह जयपुर घुमने आया था और कबीर मार्ग पर होटल मोरबी इन में ठहरा. इसके बाद अगले दिन जयपुर घूमने के लिए निकला. तभी होटल के बाहर उसे एक ऑटो चालक मिला. शरीफ जापानी भाषा भी बोल रहा था. उसने जयपुर घुमाने के बदले 600 रुपए में सौदा तय किया. दिनभर घूमाने के बाद उसने पर्यटक से अच्छी दोस्ती कर ली. इसी दौरान शरीफ ने शाम को बोला कि वह उसे अपने दोस्त के घर ले चलता हूं, जहां पार्टी करेंगे. जिस पर प्रभावित होकर उसके साथ चल दिया और शरीफ ने अपने एक दोस्त कयूम को भी साथ में बुला लिया. फिर उसे झोटवाड़ा में असगर के घर लेकर गए जहां एक व्यक्ति मुबारिक भी पहले से मौजूद था. वहां जाकर सभी ने खाना खाया और पार्टी भी की.
असगर को बताया नामचीन समाजसेवी, यही से हुई साजिश की शुरुआत
इस दौरान शरीफ और अन्य लोगों ने उस पर्यटक से असगर की मुलाकात कराई और असगर को एक नामचीन समाजसेवी बताया. साथ ही असगर ने वादा किया कि वह बिजनेस कराएगा और भारी मुनाफा भी दिलवाएगा. रात हुई तो जापानी पर्यटक होटल आ गया और अगले दिन गंगा नदी देखने का प्लान किया, लेकिन शरीफ व कयूम ने उसे टोकते हुए असगर के गांव में पार्टी का कहकर सीकर के रामगढ़सेठान लेकर गये. जहां उसे दो दिन तक रखा.
इसके बाद 6 दिसंबर 2022 की रात्रि को अचानक दो पुलिसकर्मी मकान थे. इनके फर्जी होने की जानकारी पर्यटक को नहीं थी और उन्होंने भांग के धंधे में लिप्त होने के आरोप में पर्यटक को जेल भेजने की धमकी दी. खास बात यह है कि जापानी पर्यटक को पूरे मामले से बचाने के लिए खुद असगर ने फर्जी पुलिसकर्मियों से डील की और उसे बचाने की बात कही. इस दौरान असगर ने पुलिसकर्मियों से पैसे लेकर छोड़ने की बात की, जिस पर उसके पास जो नगदी थी वह ले ली. यही नहीं, फर्जी पुलिसकर्मी संतुष्ट नहीं हुए तो असगर ने उन्हें केडिट कार्ड से गोल्ड देकर पीछा छुड़ाने की बात कही.
बढ़ती गई डिमांड और आरोपियों ने लूट लिए लाखों रुपए
अगले दिन ये सभी लोग उसे जयपुर लेकर आये. जहां दो बड़े शोरूमों से उसके क्रेडिट कार्ड से करीब 26 लाख 50 हजार रुपए का सोना खरीदवाकर उससे हड़प कर उसे एयरपोर्ट पर छोड़ दिया. अब असगर ने जापानी पर्यटक को कहा कि वह पैसे जो उसने पुलिस को दिए, उसे लौटाने होंगे.
इसके बाद जब पर्यटक सासो ताकेशी जापान वापस पहुंचा तो असगर ने पैसे लौटाने के लिए उसे मैसेज किया. जिसके बाद पर्यटक ने 2 लाख 87 हजार रूपए मुबारिक के खाते में डलवाए. बस इसी दौरान पर्यटक को इस मामले में शक हुआ और उसने ई-मेल के जरिए पुलिस को शिकायत दी. शिकायत दर्ज करते हुए पुलिस ने धारा 419, 420, 406, 384, 120 आईपीसी व 13 (1), (2) और राजस्थान पर्यटन अधिनियम-2010 के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया हैं, लेकिन 3 शातिर बदमाश अभी भी फरार है.
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