विधानसभा चुनाव हार चुके गहलोत के खास नेता को लोकसभा इलेक्शन के लिए मिला टिकट, कांग्रेस में मच गई कलह!

Umesh Mishra

26 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 26 2024 2:17 PM)

लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने करौली-धौलपुर संसदीय क्षेत्र से पूर्व मंत्री भजनलाल जाटव को मौका दिया है. इससे पहले हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें हार मिली थी.

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लोकसभा चुनाव के लिए जारी कांग्रेस की चौथी सूची में 23 मार्च को कुल 45 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई है. राजस्थान (rajasthan) की नागौर सीट आरएलपी के लिए छोड़ी दी है. वहीं, करौली-धौलपुर संसदीय क्षेत्र से पूर्व मंत्री भजनलाल जाटव (Bhajanlal Jatav) को मौका दिया गया है. गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे जाटव साल 2023 में विधानसभा चुनाव हार गए थे. बावजूद इसके लोकसभा चुनाव में एक बार फिर मैदान में उतारा गया है. इसकी बड़ी वजह है कि पूर्व मंत्री भजन लाल जाटव की पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस के प्रमुख दलित नेता के रूप में पहचान हैं. जातीय समीकरणों के चलते ही पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है. हालांकि उनके टिकट को लेकर पार्टी में विरोध भी जारी है.

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उन्हें टिकट देने के पीछे वजह है कि यह सीट मूल रूप से जाटव-बैरवा बाहुल्य सीट है. जहां 21 फीसदी एससी आबादी है, जबकि 17 फीसदी एसटी आबादी इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाती है.

भरतपुर से पहली बार उपचुनाव में मिली थी जीत

साल 2000 में भजन लाल के भाई ने जिला परिषद का चुनाव लड़ा था और इसके बाद भजन लाल भी राजनीति में सक्रीय हो गए. भरतपुर जिले की वैर विधानसभा सीट पर साल 2014 में उपचुनाव के दौरान कांग्रेस ने भजन लाल जाटव को प्रत्याशी बनाया और विधायक बन गए. इसके बाद भजन लाल की किस्मत चमकती गई. इसके बाद साल 2018 में चुनाव में कांग्रेस ने दूसरी बार भजन लाल को मैदान में उतारा और फिर जीत हासिल हुई. हाल के चुनाव में तीसरी बार उतरे तो इस बार उनकी किस्मत ने साथ नहीं दिया और उन्हें बीजेपी के बहादुर सिंह कोली ने उन्हें 6 हजार 972 मतों से हरा दिया. 

पायलट गुट के थे, फिर गहलोत के साथ आ गए जाटव  

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की अदावत के दौरान जाटव ने पायलट का साथ दिया था. लेकिन बाद में गहलोत के खेमे में शामिल हो गए. पूर्व मंत्री जाटव को पूर्व डिप्टी सीएम पायलट ने विधायक बनाया था और चुनाव प्रचार के दौरान पायलट ने उनके लिए काफी मेहनत भी की थी. हालांकि अब जब उनके नाम की घोषणा हुई तो संसदीय क्षेत्र में लोगों ने सोशल मीडिया पर विरोध भी किया. 

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